शहर का विकास- मेरा सहयोग

किसी शहर के विकास के लिए, शहर-वासियों का सहयोग बहुत आवशक होता है! निम्नलिखित बिन्दुओं को अगर दैनिक जीवन में अपना लें, तो सहयोग करने में थोड़े कामयाब हो सकते हैं-

किसी भी प्रतिभोज में प्लेट में उतना ही खाना लें, जितना खा सकें ताकि अन्न की बर्बादी ना हो !

सुपारी आदि के खाली पाउच कूड़ेदान में डालें, कूडादान ना होने पर, खाली पाउच जेब में रखलें और कूड़ादान मिलने पर डाल दें! हरसम्भव कोशिश करें की किसी भी प्रकार की गंदगी सार्वजानिक स्थलों पर ना डालें!

अगर कहीं समीप की जगह जाना है, तो वाहन इस्तेमाल करने की वजाये पैदल जाकर कार्य कर आयें!

होर्न फालतू ना बजाये, हूटर-प्रेशेर होर्न ना लगायें, गंतव्य वास्ते थोडा पहले निकले ताकि वाहन तेज गति से ना चलाना पड़े और यातायात नियमों का उल्हंघन ना हो!

नल खोल के नहाने की बजाए स्नान के लिए पहले से बाल्टी भर लें, ताकि पानी की बर्बादी न हो!

कमरों में फालतू बत्ती ना जलाये, कमरे से बाहर निकलते वक्त बत्ती बंद करदें और सी-एफ-एल का ज्यादा प्रयोग करें!

दुपहिया वाहन चलते मोबाइल पर बात न करें, और जरूरी हो तो वाहन को एक किनारे रोक कर बात करें!

खरीददारी करने जाते वक्त, अपने साथ थेला ले जायें, ताकि पोलीथीन के उपयोग को हतौत्साहित कर सकें!

घर के बाहर के फुटपाथ को बागवानी इत्यादि वास्ते न घेरें और दुकानों के फड बढाकर अतिक्रमण ना करें!

एक ही स्थल पर स्वम तथा पडोसियों को जाना हो, तो अलग वाहन ले जाने की जगह, एक साझे वाहन से चले जाएँ!

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